Sunday, July 11, 2021
🎗️🎗️मदारपुर युद्ध के साक्षी🎗️🎗️
🎗️🎗️मदारपुर युद्ध के साक्षी🎗️🎗️
मदारपुर युद्ध जो भूमिहार ब्राह्मणों और तुगलक या बाबर
की सेना के मध्य हुआ था भूमिहार ब्राह्मणों कई गांव उजड़ गए
प्रस्तुति अरविन्द रॉय
जैसरमऊ,सिहुरामऊ,नानामऊ,मदारपुर,देवकली,
खाडामऊ,चीतामऊ ये वो नाम है जहां भूमि अग्रहरि ब्राह्मण रहते थे बिल्हौर तहसील क्षेत्र सुभानपुर गांव मदारपुर के सबसे निकट का गांव है भारतीय पुरातत्व विभाग से संरक्षित गयादीन शुक्ल का कुआं मदारपुर युद्ध के वीरों की गाथा का मौन गवाह है संस्कृत में लिखे शिलालेख और कई कीमती सामान इस कुएं में फेक कर लोग पयायन कर गए कुएं के समीप ही एक आदिकालीन शिव मंदिर भी है।खुदाई में आज भी मिल जाते सिक्के व शिलालेख कुएं के पास एएसआई ने संरक्षण के बोर्ड लगा दिया है गुप्त काल, हर्षवर्धन,गढ़वाल काल तक यहाँ भूमि अग्रहार मिला है इसलिए यहाँ के निवासी भूमिहार ब्राह्मण
कहलाने लगे सुभानपुर,बांगरमऊ मदारपुर के पास का गांव है मऊ शब्द ब्राह्मण गांव के पीछे लगा है जिन्होने धर्म परिवर्तन कर लिया बच गए होगे अन्य मिथिला से लेकर गाजीपुर तक पहुंच गए जाजमऊ कानपुर में भी तुग़लक़ का हमला हुआ था पूर्व पोस्ट में मैं इसपर लिख चुका हूं
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