🎗️🎗️जमींदार ब्राह्मण उपसमूह🎗️🎗️
बीस बिस्वा ब्राह्मणों को लेकर भ्रम फैलाया जाता अकबर की चापलूसी के कारण भूमि प्राप्त हुई ऐसा ही भ्रम भूमिहारो को लेकर भी फैलाया गया है
प्रस्तुति अरविन्द रॉय
गुप्त काल ,गरवाल काल में, कान्यकुब्ज ब्राह्मण जिन्हें बड़े भूमि अनुदान दिए गए थे, उन्होंने बीस बिस्वा ब्राह्मण नामक एक विशेष उपसमूह का गठन किया। उनके नीचे दस बिस्वा ब्राह्मण हैं - बिस्वा भूमि का माप होने के कारण उन्हें दी गई थी भूमि होना जमीन्दार होना से ये अर्थ लगा लेना की मुगलो की चापलूसी से भूमि प्राप्त हुई ब्राह्मणो के मध्य ईर्ष्या है भूमिहार जमींदार ब्राह्मण उपसमूह है वैदिक कालीन व्यवस्था में गांव को बिस्व और बिस्व का प्रधान विशपति कहलाता था. बीस बिस्वा 20 गांव पुष्यमित्र शुंग काल में वैदिक व्यवस्था पर जोर दिया गया था बीस बिस्वा कान्यकुब्ज ब्राह्मण और भूमिहार ब्राह्मण दुसरे ब्राह्मण समूह में विवाह नहीं करते अब परंपरा टूट रही है समयानुसार
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