🎗️🎗️ बरुवार और कुढ़नियाँ भूमिहार🎗️🎗️
बरुवार भूमिहार ब्राह्मण आजमगढ़ के केरमा, भुजही और छठियाँव नामक ग्रामों में भी पाये जाते हैं।
प्रस्तुति अरविन्द रॉय
बरुवार कानपुर के निकट बरुवा गांव से है कान्यकुब्ज ब्राह्मण बरुवार काश्यप गोत्री हैं।
कुढ़नियाँ भूमिहार ब्राह्मण कान्यकुब्ज ब्राह्मण अण्टेर के दीक्षित काश्यप गोत्री हैं अण्टेर स्थान को ग्वालियर के पास से है इन्हीं की एक शाखा मिर्जापुर भदोही के सुधावल आदि 10 या 12 ग्रामों में पायी जाती हैं। जिनमें से 3 ग्रामवाले याचक दलवाले ब्राह्मणों में मिले हुए हैं,परन्तु सबके-सब अपने को एक ही बतलाते और काश्यप गोत्री अण्टेर के दीक्षित ही कहते हैं और अब तक उनकी पदवी दीक्षित ही हैं। वे अपने को कुढ़नियाँ नहीं कहते क्योंकि यहाँ से जाने के बाद ही आजमगढ़ वाले कुढ़नियाँ कहलाये। परन्तु अण्टेर से आकर प्रथम यहीं रहे थे। यह बात कुढ़नियाँ ब्राह्मणों की बृहत् वंशावली में लिखी हर्इु हैं और अण्टेर स्थान को ग्वालियर के पास बताया हैं मध्यप्रदेश में (पहले ग्वालियर) अब चम्बल सम्भाग के भिण्ड जिला में अटेर तहसील है।अटेर नगर और इस तहसील के अनेक गांव ब्राह्मण बाहुल्य हैं।
No comments:
Post a Comment