Saturday, October 26, 2019

डुमरांव में जंगली महादेव का मंदिर है।  संत दानी बाबा जंगल में भगवान की आराधना करते थे। भगवान शिव ने संत को शिवलिंग होने का स्वप्न दिए। शिवलिंग की स्थापना कर पूजा पाठ शुरू हो गया। घने जंगल के बीच शिवलिंग होने के कारण इन्हें जंगली महादेव के रुप में प्रसिद्धि मिली। घने जंगल में संत के पास सौ गायें थीं। संत सौ गायों के दूध से शिवलिंग का अभिषेक करते थे।
 संत के निधन के बाद डुमरांव राज परिवार ने मंदिर के लिए चार बीघा जमीन देकर मंदिर निर्माण का कार्य शुरू कराया था। लेकिन निर्माण के दौरान बाधाएं आने लगी। अंत में निर्माण कार्य रोकना पड़ा था। पुराने लोगों का कहना है कि उस वक्त भगवान शिव ने महाराज को स्वप्न दिया कि मेरे इजाजत के बगैर कोई काम नहीं हो सकता। हुआ ऐसा ही, निर्माण कार्य बंद कर भगवान शिव की आराधना शुरू हुई। जब भगवान शिव की इजाजत मिली, तो डुमरांव राज परिवार ने भव्य मंदिर का निर्माण कराया। आज यहां जंगल नहीं है, लेकिन पेड़ पौधे लोगों को सकून देते हैं।

Thursday, October 17, 2019

🎗️🎗️ गंगा के ब्राह्मण भूमिहार 🎗️🎗️
गंगा के ब्राह्मण भूमिहारों के लिए प्रयुक्त किया जाता है
प्रस्तुति अरविन्द रॉय
चीनी ,अरबी, अंग्रेज लेखकों यहाँ तक कि राजा राम मोहन राय ने भी गंगा के मैदानी क्षेत्र के ब्राह्मणों का ज़िक्र किया है एक प्रकार से भूमिहार विवाह से लेकर श्राद्ध करने वाले पुरोहित थे तो कृषि से लेकर युद्ध तक कोई निश्चित भूमिका नहीं थी समय और परिस्थिति के अनुसार भूमिका बदलती रहती थी आज भी एक कहावत प्रसिद्ध है 👉जहाँ जईसन तहां तईसन, अईसन नहीं त भूमिहार कईसन 👈अगर अगर भारत की सीमाओं पर राजपूत थे तो गंगा के ब्राह्मण भूमिहार गंगा के मैदानी क्षेत्रों में विदेशी हमलावर चाहे वो मुस्लिम रहे या अंग्रेज शासन उसे टिकने नहीं देते थे। जंगलों के इलाके में चेरो खरवार जनजाति का शासन था l मुस्लिम शासकों ने भूमिहार ब्राह्मणों के साथ एक प्रकार से सत्ता समझौता कर लिया था कई विदेशी लेखकों ने गंगा के ब्राह्मणो का ज़िक्र किया है कुछ लोग कन्फ्यूज्ड हो जाते है कौन है गंगा के ब्राह्मण उत्तर प्रदेश और बिहार में ब्राह्मणों की एकमात्र लड़ाकू जाति भूमिहार ब्राह्मण है कान्यकुब्ज और सरयूपारीण के जो भी शास्त्र धारी ब्राह्मण परिवार थे वो सभी भूमिहार ब्राह्मण है गंगा के ब्राह्मण शब्द भूमिहारों के लिए प्रयुक्त किया गया है जैसे मिथिला के मैथिल ब्राह्मण ,गढ़वाल के गढ़वाली  ब्राह्मण कश्मीरी पंडित ,कुमाऊँनी ब्राह्मण उत्तर प्रदेश ,बिहार ,बंगाल के लड़ाकू ब्राह्मणों भूमिहार के लिए गंगा के ब्राह्मण शब्द का प्रयोग हुआ है