मुस्लिम शासक के बाद आये अंग्रेजों ने भूमिहार ब्राह्मणों की योद्धा प्रवृत्ति को भांपते हुये इन्हें योद्धा से पुरोहित कर्मकांडी बनाने की कोशिश की किन्तु वे पूरी तरह सफल नहीं हुए , फिर इनका महत्व कम करने अन्य
जातियों के ब्राह्मण लाकर उन्हें ऊँचे पद देकर भूमिहार ब्राह्मणों ko महत्वहीन करने की कोशिश की गई after 1100 ई 60-70% भूमिहार ब्राह्मण कर्मकांडी ब्राह्मण बन कर कान्यकुब्ज सरयूपारीण और मैथिल जाति में शामिल हो गए go through census from 1750 to 1931 भूमिहार ब्राह्मणों की संख्या कम होती
No comments:
Post a Comment