पांचवीं से चौथी शताब्दी ई.पू. में पुराण ग्रंथ अस्तित्व में आ चुके थे। वर्तमान पुराण गुप्त काल के आसपास के है। मुख्य पुराणों की संख्या-18 है-
1.मत्स्य पुराण
2.मार्कण्डेय पुराण
3.भविष्य पुराण
4.भागवत पुराण
5. ब्रह्मांड पुराण
6.ब्रह्मावैवर्त पुराण
7. ब्रह्मा पुराण
8. वामन पुराण
9. वाराह पुराण
10.विष्णु पुराण
11.वायु पुराण
12.अग्नि पुराण
13.नारद पुराण
14.पदम पुराण
15.लिंग पुराण
16.गरुड़ पुराण
17.कूर्म पुराण एवं
18.स्कंद पुराण
1.मत्स्य पुराण
2.मार्कण्डेय पुराण
3.भविष्य पुराण
4.भागवत पुराण
5. ब्रह्मांड पुराण
6.ब्रह्मावैवर्त पुराण
7. ब्रह्मा पुराण
8. वामन पुराण
9. वाराह पुराण
10.विष्णु पुराण
11.वायु पुराण
12.अग्नि पुराण
13.नारद पुराण
14.पदम पुराण
15.लिंग पुराण
16.गरुड़ पुराण
17.कूर्म पुराण एवं
18.स्कंद पुराण
ये सभी महापुराण कहलाते है।
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