Friday, April 19, 2019

कौण्डिन्य गोत्र — कौशिक गोत्र वाले त्रिप्रवर हैं - वशिष्ठ,मित्रावरुण और कौण्डिन्य । इनका वेद सामवेद है । उपवेद है गंधर्ववेद। शाखा-कौथुमी। सूत्र गोभिल । छंद है जगति । शिखा एवं पाद वाम है, तथा देवता हैं विष्णु । इस गोत्र सूची में निम्नांकित पुर आते हैं—
आम्नाय
पुर
मूलस्थान
आर १-२४
केरियार
कटैया,औरंगाबाद,बिहार
आर १-२४
ओडरियार/ यौतियार
ओड़ो,हिसुआ,नवादा,गया
आर १-२४
खंटवार
खनेटा,बेलागंज,गया
आर १-२४
कुरैयार/वरोचियार
कुर्था,बेलागंज,गया
आर १-२४
सिवौरियार
वेरी,मदनपुर,औरंगाबाद,बिहार
आर १-२४
भलौडियार
भड़ौरी,परइया,छपरा
किरण १-१७
वेरियार/विडौरा
कुटेप,वारा,गया
अर्क १- ७
कोणार्क
कोना,मदनपुर,औरंगाबाद,बिहार
मण्डल १-
खण्डसूपखणासूपक
खनेटी,टेकारी,गया
आदित्य१-
कुण्डार्क
कुन्डवा,गोह,गया
आदित्य१-
वरुणार्क
पटना

No comments: