कौण्डिन्य गोत्र — कौशिक गोत्र वाले त्रिप्रवर हैं - वशिष्ठ,मित्रावरुण और कौण्डिन्य । इनका वेद सामवेद है । उपवेद है गंधर्ववेद। शाखा-कौथुमी। सूत्र गोभिल । छंद है जगति । शिखा एवं पाद वाम है, तथा देवता हैं विष्णु । इस गोत्र सूची में निम्नांकित पुर आते हैं—
आम्नाय
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पुर
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मूलस्थान
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आर १-२४
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केरियार
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कटैया,औरंगाबाद,बिहार
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आर १-२४
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ओडरियार/ यौतियार
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ओड़ो,हिसुआ,नवादा,गया
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आर १-२४
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खंटवार
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खनेटा,बेलागंज,गया
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आर १-२४
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कुरैयार/वरोचियार
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कुर्था,बेलागंज,गया
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आर १-२४
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सिवौरियार
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वेरी,मदनपुर,औरंगाबाद,बिहार
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आर १-२४
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भलौडियार
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भड़ौरी,परइया,छपरा
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किरण १-१७
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वेरियार/विडौरा
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कुटेप,वारा,गया
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अर्क १- ७
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कोणार्क
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कोना,मदनपुर,औरंगाबाद,बिहार
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मण्डल १-१२
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खण्डसूप/ खणासूपक
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खनेटी,टेकारी,गया
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आदित्य१-१२
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कुण्डार्क
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कुन्डवा,गोह,गया
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आदित्य१-१२
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वरुणार्क
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पटना
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