लिटनर ने पांच तरह के स्कूल बताए थे।
1. गुरूमुखी स्कूल,
2. मकतब मदरसा और कुरान स्कूल,
3. चटसाल पाठशाला एवं सेकुलर हिंदू स्कूल,
4. मिश्रित शिक्षा संस्थाएं- फारसी, वर्नाक्यूलर और एंग्लो वर्नाक्यूलर स्कूल तथा
5. सिखों मुसलमानों व हिंदुओं की लड़कियों के स्कूल।
हिंदू लड़कियों को घर पर ही पढ़ाया जाता था।
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