Thursday, September 27, 2018

डाॅ0 सम्पूर्णानन्द जी को अपनी पुस्तक काशीवासियों एवं राजा चेतसिंह की अंग्रेजो से युद्ध में इस प्रकार लिखना पड़ा कि राजा बनार अपने पुरोहित को कुछ दान देना चाहते थे । उनके न लेने पर राजा बनार उनकी पगड़ी में दान पत्र छिपा दिये थे। कत्थू मिश्र पगड़ी से दान पत्र पाने पर नाराज हो गये और श्राप दिये कि अब तुम्हारा राज्य क्षेत्र तुम्हारे वंश में न रहकर हमारे वंश में आ जायेगा । मुगलों के समय में कत्भूमिश्र के कुल के जौनपुर के मंशाराम दूबे को मुगलों के सूबेदार ग्यासुद्दीन ने जमीदार बना दिया था और मुगलों की सेना की सहायता दे दी थी । मंसाराम दूबे को बलवंत नामक लड़का पैदा हुआ था । मुगलों ने राजा बनाकर इन्हें बलवन्त सिंह की उपाधि दी थी । मंशाराम दूबे व बलवंत सिंह मुगलों की सेना लेकर बनारस, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर के असली क्षत्रिय भर राजाओं को आपस में लड़का अथवा मुगलों की सेना की सहायता से नष्ट किये और उनकी संपत्ति पर अपना अधिकार जमा लिये । मंशाराम दूबे की मृत्यु 1734 ई0 में हुई । उ

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