Tuesday, October 23, 2018

पराशर नाम के एक मुनि हुए हैं। उनके द्वारा रचित ग्रंथों में 'कृषिसंग्रह', 'कृषि पराशर' एवं 'पराशर तंत्र' के नाम गिनाए जाते हैं। किंतु इनमें से मूल ग्रंथ 'कृषि पराशर' ही है। इस ग्रंथ के रचयिता पराशर मुनि कौन से हैं, इस विषय पर यथेष्ट मतभेद है। ग्रंथ की शैली के आधार पर यह 8वीं शती के पूर्व का लिखा नहीं समझा जाता। 'कृषि पराशर' में कृषि पर ग्रह नक्षत्रों का प्रभाव, मेघ और उसकी जातियाँ, वर्षामाप, वर्षा का अनुमान, विभिन्न समयों की वर्षा का प्रभाव, कृषि की देखभाल, बैलों की सुरक्षा, गोपर्व, गोबर की खाद, हल, जोताई, बैलों के चुनाव, कटाई के समय, रोपण, धान्य संग्रह आदि विषयों पर विचार प्रस्तुत किए गए हैं। ग्रंथ के अध्ययन से पता चलता है कि पराशर के मन में कृषि के लिए अपूर्व सम्मान था। किसान कैसा होना चाहिए, पशुओं को कैसे रखना चाहिए, गोबर की खाद कैसे तैयार करनी चाहिए और खेतों में खाद देने से क्या लाभ होता है, बीजों को कब और कैसे सुरक्षित रखना चाहिए, इत्यादि विषयों का सविस्तार वर्णन इस ग्रंथ में मिलता है। हलों के संबंध में दिया हुआ है कि ईषा, जुवा, हलस्थाणु, निर्योल (फार), पाशिका, अड्डचल्ल, शहल तथा पंचनी ये हल के आठ अंग हैं। पाँच हाथ की हरीस, ढाई हाथ का हलस्थाणु (कुढ़), डेढ़ हाथ का फार और कान के सदृश जुवा होना चाहिए। जुवा चार हाथ का होना चाहिए। इस ग्रंथ से पता लगता है कि पराशर के काल में कृषि अत्यंत पुष्ट कर्म थी। .

पराशर झील

पराशर झील मंडी की उत्तर दिशा में लगभग ५० किलोमीटर दूर हिमाचल प्रदेश की प्राकृतिक झीलों में से एक है। .

पराशर मंदिर


पराशर झील के किनारे आकर्षक पैगोडा शैली में पराशर मंदिर निर्मित है। इस मंदिर को 14वीं शताब्दी में मंडी रियासत के राजा बाणसेन ने बनवाया था। कला संस्कृति प्रेमी पर्यटक मंदिर प्रांगण में बार-बार जाते हैं। कहा जाता है कि जिस स्थान पर मंदिर है वहां ऋषि पराशर ने तपस्या की थी। पिरमिडाकार पैगोडा शैली के गिने-चुने मंदिरों में से एक काठ निर्मित, 92 बरसों में बने, तिमंजिले मंदिर की भव्यता अपने आप में मिसाल है। पारंपरिक निर्माण शैली में दीवारें चिनने में पत्थरों के साथ लकडी की कडियों के प्रयोग ने पूरे प्रांगण को अनूठी व नायाब कलात्मकता बख्शी है। मंदिर के बाहरी तरफ व स्तंभों पर की गई नक्काशी अद्भुत है। इनमें उकेरे देवी-देवता, सांप, पेड-पौधे, फूल, बेल-पत्ते, बर्तन व पशु-पक्षियों के चित्र क्षेत्रीय कारीगरी के नमूने हैं। श्रेणी:मन्दिर श्रेणी:मंडी जिला.

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