ब्राह्मण बिहार
जब हम बिहार के ब्राह्मण की बात करते है तो उसका अर्थ भुमिहार या मैथिल ब्राह्मण है l
प्रस्तुति अरविंद राय
जो नहीं पुरातत्व खुदाई है उसमे नालंदा विक्रमशिला में हिंदू मंदिरों के साक्ष्य मिले हैं नालंदा संस्कृत शब्द 'नालम् + दा' से बना है lब्राह्मणों द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय को बौद्ध धर्म का बताना चीनी इतिहासकारों की साजिश है कम्युुनिस्ट लेखकों- इतिहासकारों सिर्फ झूठ को बढ़ाया ही है
1960 में पटना विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग के प्रो0 बी पी सिन्हा के नेतृत्व में 50 शिक्षकों और छात्रों की टीम ने करीब दस वर्षों तक विभिन्न चरणों में खुदाई की जिसमें महत्वपूर्ण पुरातात्विक अवशेष प्राप्त हुए। इसके बाद भारतीय पुरातत्व एवं सर्वेक्षण विभाग की ओर से वर्ष 1972 से लेकर 1982 दस वर्षों तक खुदाई का काम चला।
करीब 100 एकड़ के अधिग्रहित क्षेत्र में की गई खुदाई में मुख्य स्तूप, मनौती स्तूप, तिब्बती धर्मशाला, छात्रावास परिसर, वातानुकुलित पुस्तकालय, प्रवेश द्वार, ध्यान कक्षों के अलावा हिन्दु मंदिर के स्थाई अवशेष प्राप्त हुए।भागलपुर के पूर्वी भाग के एक ब्राह्मण कुल के शांतरक्षित (जन्म 650 ई. ) , जिसे उनके मित्र ईत्सिंग भंगल या भगल नाम से पुकारते थे.लेखक के अनुसार भंगल या भगल के कारण ही भागलपुर नाम पडा. शांतरक्षित विद्वान ब्राह्मण थे प्रतिष्ठित थे आर्थिक संपन्नता के कारण इनके वंशज पुरोहित का कार्य नही करते होंगे
जब हम बिहार के ब्राह्मण की बात करते है तो उसका अर्थ भुमिहार या मैथिल ब्राह्मण है l
प्रस्तुति अरविंद राय
जो नहीं पुरातत्व खुदाई है उसमे नालंदा विक्रमशिला में हिंदू मंदिरों के साक्ष्य मिले हैं नालंदा संस्कृत शब्द 'नालम् + दा' से बना है lब्राह्मणों द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय को बौद्ध धर्म का बताना चीनी इतिहासकारों की साजिश है कम्युुनिस्ट लेखकों- इतिहासकारों सिर्फ झूठ को बढ़ाया ही है
1960 में पटना विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग के प्रो0 बी पी सिन्हा के नेतृत्व में 50 शिक्षकों और छात्रों की टीम ने करीब दस वर्षों तक विभिन्न चरणों में खुदाई की जिसमें महत्वपूर्ण पुरातात्विक अवशेष प्राप्त हुए। इसके बाद भारतीय पुरातत्व एवं सर्वेक्षण विभाग की ओर से वर्ष 1972 से लेकर 1982 दस वर्षों तक खुदाई का काम चला।
करीब 100 एकड़ के अधिग्रहित क्षेत्र में की गई खुदाई में मुख्य स्तूप, मनौती स्तूप, तिब्बती धर्मशाला, छात्रावास परिसर, वातानुकुलित पुस्तकालय, प्रवेश द्वार, ध्यान कक्षों के अलावा हिन्दु मंदिर के स्थाई अवशेष प्राप्त हुए।भागलपुर के पूर्वी भाग के एक ब्राह्मण कुल के शांतरक्षित (जन्म 650 ई. ) , जिसे उनके मित्र ईत्सिंग भंगल या भगल नाम से पुकारते थे.लेखक के अनुसार भंगल या भगल के कारण ही भागलपुर नाम पडा. शांतरक्षित विद्वान ब्राह्मण थे प्रतिष्ठित थे आर्थिक संपन्नता के कारण इनके वंशज पुरोहित का कार्य नही करते होंगे
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